2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन तकनीक के माध्यम से सैन्य संघर्ष ने एशिया में एक नई हथियार दौड़ को जन्म दिया है। इस संघर्ष ने पारंपरिक युद्ध के तरीकों को बदलते हुए, दोनों देशों को आधुनिक तकनीक की ओर अग्रसर किया है।
🛰️ ड्रोन युद्ध की शुरुआत
मई 2025 में, पाकिस्तान ने भारत के राजस्थान, पंजाब, और जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों में ड्रोन हमलों की एक श्रृंखला शुरू की। इन हमलों का उद्देश्य भारतीय सैन्य ठिकानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाना था। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें 413 पाकिस्तानी ड्रोन और कई चीनी मिसाइलों को निष्क्रिय किया गया।
🔍 पाकिस्तान की रणनीति
पाकिस्तान ने ड्रोन हमलों के लिए लाहौर, नारोवाल, और बहावलनगर जैसे सीमावर्ती शहरों में लॉन्च पैड स्थापित किए। इन लॉन्च पैड्स से ड्रग्स, हथियार, और गोला-बारूद भारत में भेजे गए। बीएसएफ ने इस साल अब तक 257 ड्रोन बरामद किए हैं, जिनमें से 184 लाहौर से आए थे।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने ड्रोन हमलों का जवाब देने के लिए L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन, Zu-23 मिमी तोपें, और शिल्का सिस्टम्स जैसे आधुनिक काउंटर-यूएएस उपकरणों का उपयोग किया। इसके अलावा, भारत ने अपने ड्रोन कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए $470 मिलियन का निवेश किया है, जिससे स्वदेशी ड्रोन तकनीक का विकास हो रहा है।
🌐 एशिया में हथियारों की नई दौड़
भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन युद्ध ने एशिया में हथियारों की नई दौड़ को जन्म दिया है। भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी ड्रोन तकनीक और रक्षा क्षमताओं को विकसित कर रहा है, जबकि पाकिस्तान चीन और तुर्की जैसे देशों पर निर्भर है।
🛡️ भविष्य की चुनौतियाँ
ड्रोन युद्ध की बढ़ती प्रवृत्ति के साथ, दोनों देशों को साइबर सुरक्षा, एंटी-ड्रोन तकनीक, और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता होगी।
📊 प्रमुख आंकड़े
- 413 पाकिस्तानी ड्रोन और कई चीनी मिसाइलें भारतीय सेना द्वारा निष्क्रिय की गईं।
- 257 ड्रोन भारत-पाक सीमा से बरामद हुए, जिनमें से 184 लाहौर से आए थे।
- $470 मिलियन का निवेश भारत ने ड्रोन तकनीक के विकास के लिए किया है।(Image स्रोत: Times of India)


