भारत-पाकिस्तान तनाव: ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति
भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए संघर्ष, जिसे “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से जाना जाता है, ने दोनों देशों के संबंधों में नई चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं। यह ऑपरेशन भारत द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई थी, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ।
🔥 ऑपरेशन सिंदूर: प्रमुख बिंदु
- प्रारंभिक हमला: 6-7 मई 2025 की रात को, भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और मुख्य भूमि में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर 23 मिनट तक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- भारतीय रक्षा मंत्री का बयान: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को बताया कि इन हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए।
- पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: पाकिस्तानी सेना ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में भारी मोर्टार गोलाबारी की, जिसमें एक भारतीय सैनिक और 16 नागरिकों की मृत्यु हुई, जबकि 43 अन्य घायल हुए। इस गोलाबारी में एक गुरुद्वारा, एक स्कूल और कई घर क्षतिग्रस्त हुए।
📊 हताहतों का विवरण
भारत:
- सैन्य हताहत: 5 सैनिकों की मृत्यु हुई।
- नागरिक हताहत: 21 नागरिकों की मृत्यु हुई, जिनमें से अधिकांश पूंछ जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण मारे गए।
पाकिस्तान:
- सैन्य हताहत: 11 सैनिकों की मृत्यु हुई, जिनमें से 6 वायुसेना के कर्मी थे।
- नागरिक हताहत: 40 नागरिकों की मृत्यु हुई।
🛰️ तकनीकी और साइबर युद्ध
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने न केवल पारंपरिक सैन्य बल का प्रदर्शन किया, बल्कि साइबर युद्ध के क्षेत्र में भी सक्रियता दिखाई। भारतीय साइबर समूहों ने पाकिस्तान समर्थित हैकर्स के हमलों का जवाब देते हुए कई पाकिस्तानी सरकारी और वित्तीय संस्थानों की वेबसाइटों को निशाना बनाया।
🕊️ संघर्षविराम और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
- संघर्षविराम: 10 मई 2025 को, भारत और पाकिस्तान ने संघर्षविराम की घोषणा की। हालांकि, इस निर्णय पर भारत में राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ, जिसमें विपक्षी नेताओं ने सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान: प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रखेगा।
📌 निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक संयम दोनों का प्रदर्शन किया। इस अभियान ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि भारत की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को भी उजागर किया। हालांकि, इस संघर्ष ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है, और भविष्य में स्थायी शांति के लिए दोनों पक्षों को कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता होगी।


