भारतीय शेयर बाजार में 26 मई 2025 को सकारात्मक रुझान: सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार उछाल
26 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह की शुरुआत उत्साहजनक तरीके से की। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में सकारात्मक भावना का संचार हुआ।
📈 प्रमुख सूचकांकों का प्रदर्शन
- सेंसेक्स (BSE Sensex): सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स 618.15 अंकों की बढ़त के साथ 82,339.23 पर पहुंच गया, जो 0.76% की वृद्धि दर्शाता है
- निफ्टी 50 (NSE Nifty 50): निफ्टी 50 ने 164.20 अंकों की छलांग लगाकर 25,017.35 का स्तर छू लिया, जो 0.66% की वृद्धि है।
🌐 वैश्विक कारकों का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय संघ से आयात पर 50% टैरिफ लगाने की समय सीमा को 9 जुलाई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुझान देखा गया। इससे निवेशकों की चिंता कम हुई और भारतीय बाजारों में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा
🇮🇳 घरेलू आर्थिक संकेतक
- भारत की अर्थव्यवस्था: नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने घोषणा की कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिससे निवेशकों में विश्वास बढ़ा।
- RBI का डिविडेंड: भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% अधिक है।
🏦 सेक्टोरल प्रदर्शन
सभी प्रमुख सेक्टरों में सकारात्मक रुझान देखा गया:
- बैंकिंग और ऑटोमोबाइल: इन सेक्टरों में सबसे अधिक तेजी देखी गई, जिससे बाजार को मजबूती मिली。
- FMCG और मेटल: इन सेक्टरों में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
📊 मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स
- निफ्टी मिडकैप 100: 0.64% की बढ़त के साथ बंद हुआ
- निफ्टी स्मॉलकैप 100: 0.80% की वृद्धि दर्ज की गई।
🔍 तकनीकी विश्लेषण
विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी के लिए 24,600 और 24,450 महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल हैं। यदि निफ्टी 25,000 के स्तर को पार करता है, तो यह 25,150-25,500 तक की रैली कर सकता है।
📌 निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार ने 26 मई 2025 को मजबूत शुरुआत की, जिसमें वैश्विक और घरेलू कारकों का सकारात्मक प्रभाव देखा गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में उत्साह और विश्वास बढ़ा। आगामी दिनों में बाजार की दिशा वैश्विक संकेतकों और घरेलू आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगी।


