उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट: 35 जिलों में अगले 48 घंटे संवेदनशील

📅 तारीख: 29 जुलाई 2025
📍 स्थान: उत्तर प्रदेश



🌧️ भारी बारिश का येलो अलर्ट: यूपी के 35 जिलों में अलर्ट जारी

उत्तर प्रदेश में मानसूनी गतिविधियाँ एक बार फिर तेज हो गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने 29 जुलाई से आगामी 48 घंटों तक येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट प्रदेश के 35 जिलों में लागू किया गया है, जहां तेज बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ने और स्थानीय जलभराव की आशंका जताई गई है।



🌍 किन जिलों में है अलर्ट?

मौसम विभाग ने जिन प्रमुख जिलों को येलो अलर्ट में शामिल किया है, उनमें शामिल हैं:

आगरा, मथुरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, बरेली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाज़ियाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, फैज़ाबाद, सीतापुर, हरदोई, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, बलिया, आजमगढ़, आदि।

इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ गरज-चमक और कुछ स्थानों पर वज्रपात की संभावना है।



🚨 प्रशासन की सलाह और तैयारी

राज्य प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन इकाइयों ने संबंधित जिलों को सतर्क कर दिया है:

स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कुछ संवेदनशील इलाकों में की जा सकती है।

निचले इलाकों में रह रहे नागरिकों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।

सभी बाढ़ राहत केंद्रों को सक्रिय कर दिया गया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और स्थानीय आपदा प्रतिक्रिया टीमों को तैयार रखा गया है।




🛑 जनता के लिए सुझाव

राज्य सरकार और मौसम विभाग ने नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की अपील की है:

अनावश्यक यात्रा से बचें।

पानी भरे इलाकों से दूर रहें।

बिजली के खंभों और खुले तारों के पास न जाएं।

बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोकें।

बाढ़ की स्थिति में 112 या नजदीकी आपदा नियंत्रण केंद्र पर संपर्क करें।



📊 पिछले 24 घंटे का आंकड़ा

राजधानी लखनऊ में 24 घंटे में 72 मिमी बारिश दर्ज की गई।

कानपुर में 60 मिमी, वाराणसी में 58 मिमी, प्रयागराज में 50 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।

गंगा, घाघरा और यमुना नदियों का जलस्तर कुछ स्थानों पर चेतावनी स्तर को पार कर गया है।



🌱 पर्यावरणीय प्रभाव

भारी बारिश के चलते कई फसलों को नुकसान होने की आशंका है, विशेषकर:

धान की रोपाई प्रभावित हो सकती है।

सब्ज़ियों की खेती में जलभराव से सड़न की समस्या।

कुछ क्षेत्रों में मिट्टी कटाव की घटनाएं दर्ज की गईं।



🔚 निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में मौसमी परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं। सरकार और नागरिकों के बीच तालमेल और समय पर सतर्कता ही इस संकट को टाल सकती है। मौसम विभाग की हर अपडेट पर नज़र रखें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

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