भारत में ईद-उल-अधा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, 7 जून 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि स्थानीय चाँद देखने के आधार पर निर्धारित की गई है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व धुल हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। सऊदी अरब में धुल हिज्जा का चाँद 27 मई 2025 को देखा गया, जिसके अनुसार वहाँ ईद 6 जून को मनाई जाएगी।
📅 बकरीद 2025 की तिथि और सार्वजनिक अवकाश
भारत में बकरीद 7 जून 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। यह दिन अधिकांश राज्यों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। केरल में यह पर्व 6 जून को मनाया जाएगा, जबकि जम्मू और कश्मीर में 8 जून को भी अवकाश रहेगा।
🕌 बकरीद का धार्मिक महत्व
ईद-उल-अधा इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान की याद में मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देते हैं और उसका मांस तीन भागों में बांटते हैं: एक हिस्सा गरीबों को, एक रिश्तेदारों को और एक अपने लिए रखते हैं।
🕋 हज और अराफात का दिन
धुल हिज्जा महीने का 8वां दिन हज यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है, जबकि 9वां दिन, जिसे अराफात का दिन कहा जाता है, हज का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। 2025 में अराफात का दिन 5 जून को होगा।
🕌 बकरीद की रस्में और परंपराएं
- ईद की नमाज़: सुबह विशेष नमाज़ अदा की जाती है, जिसे ईदगाह या मस्जिदों में सामूहिक रूप से पढ़ा जाता है।
- कुर्बानी: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जानवरों की कुर्बानी दी जाती है और उसका मांस जरूरतमंदों में बांटा जाता है।
- खानपान: इस अवसर पर विशेष व्यंजन जैसे बिरयानी, क़ोरमा, और सेवइयां तैयार की जाती हैं।
- सामाजिक मेलजोल: परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्योहार मनाया जाता है, और एक-दूसरे को “ईद मुबारक” कहा जाता है।
📌 निष्कर्ष
बकरीद 2025 भारत में 7 जून को मनाई जाएगी। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। इस अवसर पर हम सबको चाहिए कि हम अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद करें और समाज में सौहार्द बनाए रखें।


