📉 प्रमुख सूचकांकों में गिरावट
सोमवार, 2 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 800 अंकों से अधिक गिरकर 80,701.33 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 सूचकांक 24,540.05 पर पहुंच गया, जो 211 अंकों या 0.85% की गिरावट है ।
📊 गिरावट के प्रमुख कारण
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर 2024 से अब तक भारतीय शेयरों से ₹3 लाख करोड़ से अधिक की निकासी की है । उच्च अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते निवेशकों ने सुरक्षित बाजारों की ओर रुख किया है।
2. वैश्विक व्यापार तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है । इससे निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति देखी गई।
3. कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि
ब्रेंट क्रूड की कीमतें $100 प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई हैं, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देशों पर मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है । इससे कंपनियों की लागत बढ़ी है और मुनाफे पर असर पड़ा है।
4. रुपये में गिरावट
भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ₹86.27 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है । कमजोर रुपया आयात महंगा करता है और विदेशी निवेशकों के लिए बाजार को कम आकर्षक बनाता है।
5. कमजोर कॉर्पोरेट आय
वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में प्रमुख कंपनियों की आय में 15% की गिरावट दर्ज की गई है । कमजोर मांग और बढ़ती लागत ने मुनाफे को प्रभावित किया है।
📉 सेक्टोरल प्रदर्शन
- Nifty IT: 2.71% की गिरावट
- Nifty Metal: 2.17% की गिरावट
- Nifty Oil & Gas: 1.10% की गिरावट
- Nifty Bank: 0.67% की गिरावट
हालांकि, Nifty FMCG, Auto और Pharma सूचकांकों में हल्की बढ़त देखी गई ।
📌 निवेशकों के लिए सुझाव
- लंबी अवधि के निवेशक इस गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं।
- मूल्यांकन और फंडामेंटल्स पर ध्यान दें।
- जोखिम सहिष्णुता के अनुसार पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें।
इस गिरावट के पीछे वैश्विक और घरेलू कारकों का संयोजन है। निवेशकों को सतर्क रहकर सूचित निर्णय लेने की सलाह दी जाती है।


