भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवात “शक्ति” को लेकर चेतावनी जारी की है। यह चक्रवात अरब सागर से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
🌪️ चक्रवात “शक्ति” का खतरा बढ़ा — गुजरात और महाराष्ट्र में हाई अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को जानकारी दी कि अरब सागर से उठे चक्रवात “शक्ति” (Cyclone Shakti) ने अब गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया है। यह चक्रवात पश्चिम दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है और आने वाले 24–36 घंटों में गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
IMD के अनुसार, चक्रवात का केंद्र वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में लगभग 420 किलोमीटर दूर मुंबई से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। तूफान की गति लगभग 110–120 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है, जो अगले कुछ घंटों में बढ़कर 130–140 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुँच सकती है।
⚠️ किन क्षेत्रों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ सकता है
मौसम विभाग ने जिन जिलों को सबसे अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है, उनमें शामिल हैं:
- गुजरात: सौराष्ट्र, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और भावनगर
- महाराष्ट्र: रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और पालघर
इन इलाकों में भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ, और समुद्र में ऊँची लहरों की संभावना जताई गई है।
मछुआरों को अगले 72 घंटों तक समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
🏠 प्रशासन ने की तैयारियाँ
गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों ने अपने तटीय जिलों में आपदा प्रबंधन दल (NDRF) की तैनाती कर दी है।
लगभग 30 टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि कई इलाकों में राहत सामग्री और अस्थायी शेल्टर की व्यवस्था की गई है।
मुंबई, वेरावल और दीव बंदरगाहों पर लाल झंडे (Red Flags) फहराकर नौवहन गतिविधियाँ रोक दी गई हैं।
🌧️ संभावित प्रभाव और सुरक्षा उपाय
IMD ने कहा है कि तूफान के चलते:
- कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश (120 मिमी तक) हो सकती है।
- तटीय हवाएँ पेड़ और बिजली के खंभे गिरा सकती हैं।
- कृषि फसलों और मछली पालन को भी नुकसान की आशंका है।
स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक अपडेट्स और IMD बुलेटिन्स पर भरोसा करें।
📡 IMD की ओर से ताज़ा अपडेट
IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि चक्रवात “शक्ति” अगले 24 घंटे में अपने चरम पर पहुँचेगा और उसके बाद धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकता है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि “सावधानी और तैयारी ही इस आपदा से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।”
🔹 इमेज क्रेडिट: IMD Official Twitter / PIB India
🔹 स्रोत: भारतीय मौसम विभाग (IMD), PIB, NDMA रिपोर्ट 2025


