नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025 — भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में देशभर में कुल 1.81 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14% की वार्षिक वृद्धि (YoY Growth) को दर्शाती है।
⚡ भारत में इलेक्ट्रिक क्रांति की रफ्तार
भारत सरकार की “नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP)” और FAME-II स्कीम जैसी पहलें इस तेजी की मुख्य वजहों में शामिल हैं। वर्ष 2024 की तुलना में इस बार ई-थ्री व्हीलर्स (E-3 Wheelers) और इलेक्ट्रिक कारों (E-Cars) की मांग में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है।
🏆 उत्तर प्रदेश बना EV बिक्री का हब
वाहन मंत्रालय (VAHAN Portal) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने 2025 में कुल 29,436 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्ट्रेशन के साथ देशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
यह संख्या भारत की कुल EV बिक्री का लगभग 16% है। इसके बाद महाराष्ट्र (22,100 यूनिट्स), कर्नाटक (19,800 यूनिट्स), और तमिलनाडु (18,400 यूनिट्स) का स्थान रहा। राज्य रजिस्ट्रेशन (2025) राष्ट्रीय हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश 29,436 16% महाराष्ट्र 22,100 12% कर्नाटक 19,800 11% तमिलनाडु 18,400 10% दिल्ली 14,700 8%
🚗 किस श्रेणी में रही सबसे ज्यादा बिक्री
- ई-3 व्हीलर सेगमेंट: कुल बिक्री का 45% हिस्सा
- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स (E2W): 38% हिस्सा
- इलेक्ट्रिक कारें (E-Cars): 14% हिस्सा
- इलेक्ट्रिक बसें: 3% हिस्सा
विशेषज्ञों का मानना है कि ई-थ्री व्हीलर और ई-कार सेगमेंट की यह तेज़ वृद्धि “कम परिचालन लागत” और “सरकारी सब्सिडी योजनाओं” की वजह से संभव हुई है।
💬 उद्योग विशेषज्ञों की राय
SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) के अध्यक्ष राजेश मेनन ने कहा —
“भारत में EV अपनाने की दर अगले दो वर्षों में दोगुनी हो सकती है। बैटरी तकनीक में सुधार और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से यह रफ्तार और तेज़ होगी।”
🔋 चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
वर्तमान में भारत में 10,200 से अधिक सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन हैं, जिनमें से 35% टियर-1 शहरों में और 25% टियर-2 शहरों में हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक यह संख्या बढ़ाकर 25,000 चार्जिंग स्टेशन की जाए।
🌱 पर्यावरणीय लाभ
इस बढ़ती EV बिक्री से देश में CO₂ उत्सर्जन में लगभग 2.3 लाख टन की वार्षिक कमी दर्ज की गई है। यह कदम भारत के नेट-ज़ीरो 2070 लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।


