भारत 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भेजेगा दो बहु-पार्टी प्रतिनिधिमंडल — वैश्विक मंच पर भारत की एकजुट आवाज़

📅 7 अक्टूबर 2025 | नई दिल्ली


🇮🇳 परिचय

भारत ने आगामी 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly – UNGA) सत्र में दो बहु-पार्टी (multi-party) प्रतिनिधिमंडलों को भेजने की घोषणा की है।
यह कदम भारत की साझा लोकतांत्रिक और वैश्विक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस निर्णय को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत “विश्व मंच पर एकता और लोकतंत्र की मिसाल” पेश करना चाहता है।


👥 प्रतिनिधिमंडल की संरचना

दोनों प्रतिनिधिमंडलों में कुल मिलाकर लगभग 30 सांसद (MPs) शामिल होंगे। इनमें सत्तारूढ़ दल (BJP), प्रमुख विपक्षी दल (INC, TMC, DMK, AAP, BJD आदि) और क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
इन सांसदों का चयन संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — से किया जा रहा है।

पहला प्रतिनिधिमंडल राजनयिक एवं राजनीतिक मामलों से संबंधित चर्चाओं में हिस्सा लेगा, जबकि दूसरा सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और वैश्विक शांति जैसे विषयों पर भारत की स्थिति प्रस्तुत करेगा।


🌍 भारत का उद्देश्य

भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर “Vasudhaiva Kutumbakam — विश्व एक परिवार है” के सिद्धांत को मज़बूत करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह पहली बार होगा जब भारत एक ही सत्र में दो अलग-अलग बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा, ताकि

  • अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माण में भारत की विविध राय प्रस्तुत हो सके।
  • संसद में सहमति आधारित विदेशी नीति की झलक दिखाई दे।
  • वैश्विक चुनौतियों (जलवायु संकट, वैश्विक संघर्ष, मानवाधिकार) पर भारत का संतुलित दृष्टिकोण सामने आए।

📊 मुख्य तथ्य और आँकड़े

  • इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वाँ सत्र न्यूयॉर्क (USA) में 22 अक्टूबर 2025 से आयोजित होगा।
  • इसमें 190 से अधिक सदस्य राष्ट्र भाग लेंगे।
  • भारत पिछले 5 वर्षों में G20, COP28 और BRICS Summit जैसे वैश्विक मंचों पर सक्रिय भूमिका निभा चुका है।
  • भारत का UN Peacekeeping Mission में योगदान दुनिया में तीसरे स्थान पर है — वर्तमान में लगभग 5,800 भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में तैनात हैं।

🗣️ आधिकारिक बयान

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा —

“भारत की विदेश नीति किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आवाज़ है। हमारा लोकतंत्र हमारी ताकत है, और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर इसे एक स्वर में प्रस्तुत करना हमारी प्राथमिकता है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बार भारत विशेष रूप से “वैश्विक दक्षिण (Global South)” के देशों की आर्थिक और पर्यावरणीय चिंताओं को प्रमुखता देगा।


🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि बहु-दलीय भागीदारी से भारत की छवि “जिम्मेदार लोकतंत्र” के रूप में और मजबूत होगी।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने भी भारत के इस निर्णय की सराहना की है, इसे “Democracy in Action on Global Stage” बताया जा रहा है।


🔍 निष्कर्ष

भारत द्वारा 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो बहु-पार्टी प्रतिनिधिमंडल भेजना सिर्फ एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संवाद और वैश्विक जिम्मेदारी की मिसाल है।
यह निर्णय भारत को विश्व राजनीति में एक संतुलित, परिपक्व और सहयोगी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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