दिनांक: 12 अक्टूबर 2025 | स्रोत: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), NOAA रिपोर्ट
भारत में सर्दी का मौसम इस बार सामान्य से अधिक ठंडा और नमी वाला हो सकता है, क्योंकि La Niña (ला नीना) मौसम प्रणाली एक बार फिर सक्रिय हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और अमेरिकी राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) की ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार, प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी भाग में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से लगभग 0.8°C कम दर्ज किया गया है, जो La Niña की सक्रियता का प्रमुख संकेत है।
🌊 क्या है La Niña?
La Niña एक प्राकृतिक जलवायु घटना है जो एल नीनो के विपरीत प्रभाव डालती है। इसमें प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है, जिससे वैश्विक मौसम पैटर्न प्रभावित होते हैं। भारत में इसका सीधा असर मॉनसून और सर्दी दोनों पर पड़ता है — आमतौर पर इससे मॉनसून मजबूत होता है और सर्दियाँ अधिक ठंडी होती हैं।
🌡️ भारत पर प्रभाव
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार,
“अक्टूबर 2025 से लेकर फरवरी 2026 के बीच उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान सामान्य से 1.5°C तक कम रह सकता है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में घना कोहरा और शीतलहर की स्थिति बन सकती है।”
संभावित प्रभाव क्षेत्र:
- उत्तर भारत: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कड़ी ठंड
- पूर्वोत्तर भारत: अधिक वर्षा और बादलों का आवरण
- पहाड़ी क्षेत्र: हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी की संभावना
- दक्षिण भारत: तापमान में हल्की गिरावट, लेकिन वर्षा में वृद्धि की संभावना
📊 वास्तविक आंकड़े और वैश्विक दृष्टिकोण
- NOAA रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की चौथी तिमाही में 75% संभावना है कि La Niña की स्थिति बनी रहेगी।
- भारत के केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने चेताया है कि ठंडे मौसम के चलते कुछ नदियों के जल स्तर में हल्की कमी आ सकती है।
- IMD के मॉडल्स के मुताबिक, नवंबर और दिसंबर में औसत न्यूनतम तापमान 2°C से नीचे जा सकता है (विशेष रूप से उत्तरी राज्यों में)।
🧣 किसानों और नागरिकों के लिए सलाह
- किसानों को सलाह दी गई है कि रबी फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी की नमी का आकलन करें।
- पशुपालकों को अपने जानवरों के लिए गर्म आश्रय की व्यवस्था करनी चाहिए।
- नागरिकों को कोहरे और कम दृश्यता के दौरान यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
- बिजली की खपत बढ़ने के मद्देनज़र सरकार ने राज्यों को ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
🌍 निष्कर्ष
La Niña की वापसी का अर्थ यह है कि भारत में आने वाली सर्दी सामान्य से अधिक ठंडी और लंबी हो सकती है। जबकि पहाड़ी और उत्तरी इलाकों में ठंड चरम पर रहेगी, वहीं दक्षिण भारत में हल्की वर्षा और तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।


