मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली। रक्षा क्षेत्र के शेयरों में 22% और माइक्रोकैप स्टॉक्स में 12.1% की बढ़ोतरी हुई। जानिए पूरी रिपोर्ट और इसका निवेशकों पर क्या पड़ा असर
भारतीय शेयर बाजार ने मई 2025 में दिखाया दम – निवेशकों की उम्मीदें हुईं पूरी
मई 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए शानदार महीना साबित हुआ। इस महीने निवेशकों को कई सेक्टरों से बेहतर रिटर्न मिला, खासकर रक्षा और माइक्रोकैप शेयरों में। जहां एक ओर बड़ी कंपनियों के शेयर स्थिर या सीमित बढ़त के साथ चले, वहीं छोटे और उभरते सेक्टरों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर बाजार की दिशा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
रक्षा क्षेत्र के शेयरों में 22% की बंपर बढ़ोतरी
भारतीय रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने मई महीने में 22% तक की वृद्धि दर्ज की। इस तेजी के पीछे प्रमुख कारण रहे:
- रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि: भारत ने 2024-25 में ₹21,000 करोड़ से अधिक के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
- नई सरकारी नीतियाँ: ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियानों के अंतर्गत सरकार द्वारा घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, भारत फोर्ज और लार्सन एंड टुब्रो जैसी निजी कंपनियों ने नए रक्षा अनुबंध प्राप्त किए।
माइक्रोकैप शेयरों ने दिए 12.1% तक रिटर्न
मई 2025 में माइक्रोकैप कंपनियों के शेयरों में औसतन 12.1% की तेजी देखी गई, जो मिडकैप (8.5%) और लार्जकैप (6.4%) शेयरों से कहीं अधिक है।
मुख्य कारण:
- निवेशकों की जोखिम लेने की प्रवृत्ति में वृद्धि।
- छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से निवेश का आना।
- नए निवेशकों की एंट्री और सोशल मीडिया के माध्यम से स्टॉक्स की लोकप्रियता।
अन्य प्रमुख आंकड़े (Sources: NSE, BSE, ET Markets)
श्रेणी रिटर्न (%) रक्षा स्टॉक्स 22.0% माइक्रोकैप 12.1% मिडकैप 8.5% लार्जकैप 6.4%
बाजार की चाल को समझें
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि अब निवेशक केवल पारंपरिक लार्जकैप स्टॉक्स तक सीमित नहीं हैं। युवा निवेशकों और डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की वजह से अब रिटेल निवेशक नए सेक्टरों और उभरते शेयरों में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके साथ-साथ सरकारी नीतियों का समर्थन और वैश्विक निवेशकों का भरोसा भी बाजार में सकारात्मक माहौल बना रहा है।
निष्कर्ष:
मई 2025 का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए ऊर्जा से भरपूर रहा। इस दौरान मिले जबरदस्त रिटर्न ने यह साबित कर दिया कि भारत में आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं। निवेशकों के लिए यह संकेत है कि विवेकपूर्ण योजना और सेक्टर आधारित निवेश से लाभ की संभावनाएँ बहुत अधिक हैं।


