📅 प्रकाशन तिथि: 30 जून 2025
✍️ लेखक: Bharatdrishti
🔔 उत्तराखंड में रेड अलर्ट: 9 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के 9 जिलों में अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी के बाद संबंधित जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। साथ ही, लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
जिन जिलों में रेड अलर्ट जारी:
- देहरादून
- टिहरी गढ़वाल
- चमोली
- पौड़ी गढ़वाल
- उत्तरकाशी
- नैनीताल
- बागेश्वर
- पिथौरागढ़
- अल्मोड़ा
🌧️ IMD की ताजा रिपोर्ट: देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 30 जून को जारी अखिल भारतीय मौसम बुलेटिन में कहा है कि अगले 7 दिनों में उत्तर-पूर्व भारत, मध्य भारत और दक्षिण भारत में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है।
प्रमुख प्रभावित राज्य:
- उत्तर पूर्व: असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश
- मध्य भारत: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ
- दक्षिण भारत: कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश
📉 बारिश से जुड़े खतरे: भूस्खलन, बाढ़, सड़कें बाधित
उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश से भूस्खलन (landslide) का खतरा बढ़ गया है। कई जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच रहा है।
उत्तराखंड SDRF रिपोर्ट (30 जून 2025):
- 12 जगहों पर मलबा गिरने से रास्ते बंद
- 3 पुल क्षतिग्रस्त
- 2000+ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
- देहरादून में 104 mm और नैनीताल में 137 mm बारिश दर्ज की गई
🏫 स्कूलों की छुट्टी और प्रशासन की तैयारी
राज्य सरकार ने 9 जिलों में 1 जुलाई तक स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। सभी जिला प्रशासन को आपातकालीन तैयारियाँ पुख्ता करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बयान दिया:
“छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सभी जिलाधिकारियों को स्कूलों में छुट्टी देने और दूरदराज के गांवों में निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।”
🚨 आम जनता के लिए चेतावनी
IMD और NDRF ने आम जनता से अपील की है:
- पहाड़ों में यात्रा करने से बचें
- नदी किनारे न जाएं
- सोशल मीडिया या अफवाहों पर आधारित गलत जानकारी साझा न करें
- प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट पर विश्वास करें
📊 देश में मॉनसून की स्थिति – जून 2025 तक आंकड़े
क्षेत्र औसत बारिश वास्तविक बारिश (जून 2025) विचलन उत्तर भारत 165 mm 172 mm +4.2% मध्य भारत 192 mm 205 mm +6.8% दक्षिण भारत 189 mm 227 mm +20.1% उत्तर-पूर्व 295 mm 282 mm -4.4%
स्रोत: [IMD मानसून बुलेटिन, 30 जून 2025]
🌍 जलवायु परिवर्तन की भूमिका?
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल बढ़ती मानसूनी असमानता और तीव्र वर्षा की घटनाएँ क्लाइमेट चेंज से जुड़ी हैं। IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा:
“हम जिस असामान्य वर्षा पैटर्न को देख रहे हैं, वह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का संकेत है। राज्य सरकारों को दीर्घकालिक रणनीति बनानी होगी।”
📢 निष्कर्ष
मॉनसून का समय हमेशा भारत के लिए जल जीवन का स्रोत तो होता है, लेकिन यदि सावधानी न बरती जाए, तो यही वर्षा विनाशकारी रूप भी ले सकती है। उत्तराखंड समेत कई राज्यों में प्रशासन अलर्ट मोड में है, लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की बातों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।


