प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत अब तक 60 लाख से अधिक लोगों को मिला लाभ

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) के तहत अब तक 60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार और आर्थिक सहायता मिल चुकी है। जानें योजना के लाभ, पात्रता और भविष्य की दिशा।


भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana – PMVBRY)” ने देश में रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 60 लाख से अधिक लाभार्थियों को सीधा या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार या स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा चुके हैं।


🔍 योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का उद्देश्य देश के युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार के साथ कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करना है।
यह योजना वर्ष 2023-24 में शुरू की गई थी और इसे भारत के “विकसित भारत मिशन” का हिस्सा माना जाता है।


💼 योजना के प्रमुख पहलू

  1. स्किल डेवलपमेंट + एम्प्लॉयमेंट लिंक:
    युवाओं को उद्योग की मांग के अनुसार कौशल सिखाकर उन्हें सीधे रोजगार या स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलती है।
  2. आर्थिक सहायता:
    स्वरोजगार करने वालों को ₹2 लाख तक का बिना गारंटी ऋण और ₹20,000 तक की प्रारंभिक सहायता राशि दी जाती है।
  3. महिलाओं पर विशेष फोकस:
    अब तक योजना के तहत लाभान्वित लोगों में लगभग 42% महिलाएँ शामिल हैं।
  4. रोजगार के क्षेत्र:
    विनिर्माण (manufacturing), कृषि-आधारित उद्योग, रिटेल सेवाएँ, और डिजिटल स्किल सेक्टर को प्राथमिकता दी गई है।

📊 आँकड़े और प्रगति

मापदंड आँकड़े (नवंबर 2025 तक) कुल पंजीकृत लाभार्थी 78 लाख+ रोजगार प्राप्त लाभार्थी 60.2 लाख स्वरोजगार शुरू करने वाले 23 लाख महिला लाभार्थी प्रतिशत 42% योजना का वार्षिक बजट (2025-26) ₹12,800 करोड़ सक्रिय प्रशिक्षण केंद्र 2,750 से अधिक

स्रोत: pib.gov.in | labour.gov.in | PMVBRY Portal (2025 Data)


🌱 सरकार की प्रतिक्रिया

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि

“प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना न केवल युवाओं को रोजगार दे रही है, बल्कि स्थानीय उद्योगों और MSME क्षेत्र को भी नई ऊर्जा दे रही है। हमारा लक्ष्य 2026 तक 1 करोड़ रोजगार सृजन का है।”


🔎 भविष्य की दिशा

सरकार अगले चरण में इस योजना को Tier-2 और Tier-3 शहरों तक विस्तार देने की योजना बना रही है, ताकि ग्रामीण और अर्ध-शहरी युवाओं को भी बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण और रोजगार अवसर मिल सकें।


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