पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर, पीएम मोदी 9 सितंबर को करेंगे दौरा – विस्तार से रिपोर्ट

पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और नदियों में बढ़ते जल स्तर के कारण बाढ़ की स्थिति विकट हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में पानी भर गया है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। प्रशासन द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। साथ ही, लगभग 2,000 गांव जलमग्न हो गए हैं, जिनमें हजारों परिवार बेघर होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति

गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर और कपूरथला जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हैं, स्कूल बंद कर दिए गए हैं और परिवहन सेवाएं ठप हो गई हैं। प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। राहत सामग्री जैसे राशन, पेयजल और दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने जलजनित रोगों से बचाव के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया है।

किसानों की हालत

किसान अपने खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद होते देख बेहद चिंतित हैं। धान और मक्का की फसलें अधिक प्रभावित हुई हैं। पंजाब कृषि विभाग के अनुसार, बाढ़ से करीब 38,000 किसानों को सीधे नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार द्वारा प्राथमिक सूची तैयार की जा रही है।

प्रशासन की तैयारी

राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट की घोषणा की है। साथ ही, प्रभावित इलाकों में चिकित्सा शिविर, सुरक्षित पेयजल और अस्थायी आश्रय प्रदान किए जा रहे हैं। बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए तकनीकी टीमें लगातार काम कर रही हैं।

पीएम मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर 2025 को गुरदासपुर जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे और प्रशासन व प्रभावित लोगों से बातचीत कर राहत कार्यों का जायजा लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री किसानों के लिए मुआवजा योजना को तेज करने की घोषणा कर सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

जल संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश के कारण सतलुज और ब्यास नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। साथ ही, जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने से स्थिति और खराब हुई है। विशेषज्ञों ने दीर्घकालिक जल प्रबंधन योजना पर काम करने की आवश्यकता जताई है।

आगे की चुनौतियाँ

  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य और दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करना
  • जलजनित रोगों से बचाव
  • फसल नुकसान का उचित मुआवजा
  • पशुधन की सुरक्षा
  • जल निकासी और आधारभूत संरचनाओं का पुनर्निर्माण

निष्कर्ष

पंजाब में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है। लाखों लोग प्रभावित हैं और कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा राहत कार्यों को गति देगा और प्रभावितों को आश्वासन मिलेगा। सरकार द्वारा राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज करने के साथ-साथ जल प्रबंधन पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटा जा सके।

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