टाटा समूह लगाएगा ₹13,000 करोड़ का EV बैटरी प्लांट गुजरात में – भारत के ई-वाहन मिशन को मिलेगा नया बल

टाटा समूह गुजरात में ₹13,000 करोड़ के निवेश से EV बैटरी प्लांट स्थापित करेगा। यह कदम भारत के 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लक्ष्य की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है।

टाटा समूह का बड़ा ऐलान – गुजरात में ₹13,000 करोड़ का EV बैटरी प्लांट

भारत की अग्रणी औद्योगिक कंपनी टाटा समूह ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने गुजरात राज्य सरकार के साथ ₹13,000 करोड़ (लगभग $1.6 बिलियन) के निवेश से एक अत्याधुनिक लिथियम-आयन बैटरी निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए औपचारिक समझौता किया है। यह प्लांट भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन को तेज़ी से आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

कहाँ बनेगा प्लांट?

यह EV बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात के साणंद औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। इस क्षेत्र को पहले से ही ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में विकसित किया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में सुगमता मिलेगी।

क्यों है यह परियोजना महत्वपूर्ण?

भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश में बिकने वाले नए वाहनों में से 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों। वहीं, सार्वजनिक परिवहन और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में यह लक्ष्य 70–80% तक रखा गया है। टाटा समूह की यह पहल भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में और “मेक इन इंडिया” अभियान को बल देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

रोजगार और इकोनॉमी को बढ़ावा

इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, यह प्लांट भारत की बैटरी आयात पर निर्भरता को कम करेगा और देश को एक ग्लोबल EV बैटरी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित कर सकता है।

तकनीकी विशेषताएँ

यह प्लांट अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जिसमें हाई-एनर्जी डेंसिटी और लंबी जीवन वाली लिथियम-आयन बैटरियों का उत्पादन किया जाएगा।

उत्पादन क्षमता: पहले चरण में सालाना 20 गीगावॉट-घंटा (GWh) की बैटरियों का निर्माण किया जाएगा।

यह यूनिट टाटा की सब्सिडियरी कंपनी Agratas Energy Storage Solutions Pvt. Ltd. के अधीन कार्य करेगी।


सरकार और नीति समर्थन

गुजरात सरकार इस प्लांट को आकर्षक इंसेंटिव्स और आवश्यक अधोसंरचना सहायता प्रदान करेगी। यह परियोजना “प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI)” स्कीम के अंतर्गत भी शामिल है, जिसे भारत सरकार ने बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया है।

निष्कर्ष:

टाटा समूह की यह पहल न केवल भारत में ई-वाहनों के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को बैटरी तकनीक के मामले में प्रतिस्पर्धी बनाएगी। यह परियोजना देश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी बेहद लाभकारी सिद्ध होगी।

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